मैदान सजल छल जैमे भिड़ल छल सब लोक
किछु छल अपसियाँत किछु पर लागल रोक
किछु पर लागल रोक जे मुँहदुब्बर छल खेलाड़
ओकरा पर लागल पेनाल्टी देखू बहुत प्रकार
कहै छथि ओम कवि सुनि लिअ लगा क' ध्यान
जँ अछि किछु पैरवी अहाँ तखने उतरू मैदान
किछु छल अपसियाँत किछु पर लागल रोक
किछु पर लागल रोक जे मुँहदुब्बर छल खेलाड़
ओकरा पर लागल पेनाल्टी देखू बहुत प्रकार
कहै छथि ओम कवि सुनि लिअ लगा क' ध्यान
जँ अछि किछु पैरवी अहाँ तखने उतरू मैदान
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