जहिया भागलपुर से पटना या पटना से भागलपुर ट्रेन से जर्नी करते हैं ना तो कुछ बात हर जर्नी में कौमन होती है। जैसे ठसमठस पसिन्जर, रिजर्वेशन बौगी में जेनरल टिकट या बिना टिकट का पसिन्जर, औरडिनरी पास लेकर ए सी बौगी में सफर करते रेलवे करमचारी, ई सब देख के कुढ़ते हुए बोनाफाईड पसिन्जर, बीच बीच में भैकम आदि आदि। सच तो ई है कि आब जिस दिन ई सब में से कोनो बात नै होता है तो हम डर जाते हैं कि कहीं हम सूतले सूतले बिहार से बाहर तो नै चल गए। देखिए ई सब बात जो ट्रेन में होता है, ई सब के पीछु लौजिक है ने भाय। तखनियो कुछ लोग ई बात नै समझते हैं और सुधार का बात करने लगते हैं फोकट में। देखिए ई सब चीज से फायदा ये होता है कि बिना एडभरटाईजमेंटे के ई बूझे में आ जाता है कि बिहार के इलाका शुरू हो गया है। अपना एडभरटाईजमेंट करने में हरजा का है। हमनियो का तो अपना ब्रांड है भाई। भैकम ठीक से काम करता है कि नै इहो जाँच हो जाता है फ्री में। रिजर्वेशन बौगी में जेनरल टिकट ले के चढ़िए तो आधा पैसा ले के टी टी साहब बैठा के लैइये जाते हैं। ई तो अच्छा है ना जी। पसिन्जरवन के भी आधा पैसा में ए सी का मजा आ जाता है अउर टी टी साहब लोग के घर खरचा निकल जाता है। अब रेलवे तो समुन्दर है, एक लोटा पानिए खींच लिया तो का हो गया। एक बात तो है जकर प्रशंसा होना चाहिए कि यदि आपके पास रिजर्वेशन है तो आपको बैठने के लिए एक बित्ता जगह मिलिए जाता है। कभी कभी ऊपर का बात सब यू पी में भी देखाई पड़ता है लेकिन इस मामला में ब्रांड अमबसडर हमही लोग हैं जी। हम ई पोस्टवा के माध्यम से तमाम बेटिकट यात्री सब के साथ साथ बिहार के इलाके में ट्रेन में चलने वाले टी टी लोग के डंडवत करते हैं काहे कि पैसा बचत के साथ साथ अपना ब्रांड भी ई लोग बचा के रखने का अमोल काम कर रहे हैं। ई हमरा मोन का बात था जो आपलोगों से शेयर कर लिए। कोई गोसाइयेगा नै।