विहनि कथा
विछोहक नोर
पछिला साल कोचिंग करै लेल बेटीक नाम कोटामे लिखौने छलौं। जखन ओकरा कोटामे छोड़ि क' आबैत रही तखन ओ बड्ड उदास छल। ओकरा बुझेलियै जे हम नियमित रूप सँ आबि भेंट करैत रहबै। मुदा नौकरीक झमेलामे फुरसति नै भेंटल आ हम कहियो नै जा सकलौं। साल पूरा भेला पर ओ डेढ़ मासक छुट्टी पर गाम आएल छल। ऐ बेर ओकरा कोटा छोड़ै लेल फेर हमहीं गेलियै। ओकरा छोड़लाक उपरान्त जखन वापसीक ट्रेन पकड़बा लेल हम टीसन आबैत रही तखन ओ कातर दृष्टिसँ हमरा दिस ताकि रहल छल एकदम चुपचाप। हमहुँ ओकरासँ नजरि चोरेने औटोमे बैसि गेलौं। ओ हमरा गोर लागलक आ बेछोह कानय लागल। हमर आँखिमे सेहो जेना मेघ उमड़ि गेल मुदा ओइ मेघकेँ रोकैत ओकरा बूझबय लागलौं। रामायणक चौपाई मोन पड़ि गेल:-
लोचन जल रहे लोचन कोना
जैसे रहे कृपण घर सोना।
खैर टीसन आबि ट्रेनमे बैसि गेलौं। जखने ट्रेन टीसनसँ घुसकल तखने ओकर कातर नजरि मोन पड़ि गेल आ लागल जे करेज फाटि जायत। नोरक मेघ ऐ बेर नै मानलक। हम सहयात्री सबसँ नजरि चोरबैत ट्रेनक बाथरूममे ढुकि गेलौं । बाथरूमक भीतर हमर मेघ बान्ह तोड़ि देलक आ हम पुक्की पारि क' कानय लागलौं। विछोहक नोर आवाजक संग पूर्ण गतिसँ बहय लागल मुदा हमर क्रन्दन ट्रेनक धड़धड़ीक आवाजमे विलीन भ' गेल।
लोचन जल रहे लोचन कोना
जैसे रहे कृपण घर सोना।
खैर टीसन आबि ट्रेनमे बैसि गेलौं। जखने ट्रेन टीसनसँ घुसकल तखने ओकर कातर नजरि मोन पड़ि गेल आ लागल जे करेज फाटि जायत। नोरक मेघ ऐ बेर नै मानलक। हम सहयात्री सबसँ नजरि चोरबैत ट्रेनक बाथरूममे ढुकि गेलौं । बाथरूमक भीतर हमर मेघ बान्ह तोड़ि देलक आ हम पुक्की पारि क' कानय लागलौं। विछोहक नोर आवाजक संग पूर्ण गतिसँ बहय लागल मुदा हमर क्रन्दन ट्रेनक धड़धड़ीक आवाजमे विलीन भ' गेल।
ओम प्रकाश
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