सुनते कभी तुम तो हम भी सुनाते
मुहब्बत की प्यारी बातें बताते
मुहब्बत की प्यारी बातें बताते
जुल्फों की लट है कि काली घटा है
उलझन दिलों की है, ये सुलझाते
उलझन दिलों की है, ये सुलझाते
आँखों की मदिरा बहुत है नशीली
नशा इन आँखों का दिल को पिलाते
नशा इन आँखों का दिल को पिलाते
तुम्हारी हमारी मुलाकात को हम
किताबों का प्यारा पन्ना बनाते
किताबों का प्यारा पन्ना बनाते
गुजरते कभी "ओम" की गली से भी
तो कदमों में तेरी ये दुनिया लुटाते
तो कदमों में तेरी ये दुनिया लुटाते
ओम प्रकाश
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