Thursday 19 November 2015

गजल

मीता सूतल छी किए
एना रूसल  छी किए

दुनियादारी राग सुनि
एहन टूटल छी किए

सौंसे भूरे भूर अछि
एते फूटल छी किए

पुरना पुरना बात बनि
हमरा बूझल छी किए

"ओम"क मोनक फूल बनि
माला गूथल छी किए

२-२-२-२, २-१-२ प्रत्येक पाँति मे

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