Thursday 10 March 2016

मन का बात

हम जहिया स्टुडेन्ट थे, तहिया बाबूजी पढ़ते रहने के लिए एक्के ठो धमकी देते थे। कहते थे कि रे गदहा ठीक से पढ़, नै तो एक ठो भैंस कीन देंगे आ तू भैंस चराना। ऊ ई बात एतना आथेन्टिकली कहते थे कि हमरा सब.के सपनो में भैंस देखाता था। ऊ एकठो बात औरो कहते थे कि व्यस्क होने का उमर पहले 21 था और अब 18 है और जब तू व्यस्क हो जाएगा तब पिछवाड़ा पर लात दे के बाहर कर देंगे। बाद में उन्होंने लात मारने की उमर बढ़ा के 25 कर दिया। और ई भी कहा कि 25 बरस के बाद पढ़ाई नहीं होती है। हमहू सब जोड़ घटाव कर के देखे कि आई. ए. बी. ए. एम. ए. आदि करने में 25 बरस तक होइए जाता है अगर सेशन लेटो हो जाए तैयो। अगर पी. एच. डी. करेगा तो दू साल औरो जायेगा। खैर बाबूजी के धमकी का ई रिजल्ट हुआ कि बाईसे बरस में नौकरी करने लगे। इधर यूनिवर्सिटी सब का बवाल समाचार में आया तो ई देखे कि हुआँ तो स्टुडेन्टवन सब पैंतीस आ चालीसो के उमर में पढ़िये रहा है। उनका बाबूजी लोग केतना अच्छा है। नौकरिया में लग जाएगा तो देश में हलचल कैसे मचाएगा। हम आज इस पोस्टवा के माध्यम से ऐसन सब स्टुडेन्टवन सब के डंडवत करते हैं जो नौकरिया के चिन्ता छोड़ के बुढ़ारी तक पढाई में लगल है आ देश में हलचल मचइले है।उनकर बाबूओजी सब के डंडवत करते हैं। आप लोग हमरे मन का बात सुन के गोसियाइएगा नहीं से प्रार्थना है।

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